समाचार का हो सत्यानाश।सुबह-सुबह अपनी बन्नो बिदक गयी।आंगन में अख़बार पटक कर बोली: लो मुकेश-नीता अम्बानी दोनों को वीआईपी सुरक्षा।एक को जेड तो दूसरे को वाई।कल बेटा को मिलेगा एक्स।450 से ज्यादा वीआईपी हो गए। अंग्रेजी के सभी अक्षरों पर एक दिन ऐसे लोगों का ही कब्ज़ा होगा।तुम ककहरा और मनोहर पोथी में मन लगाते रहना।आख़िरकार हम भी तो वीआईपी यानी वेरी इम्पोर्टेंट पुअर यानी गरीबी रेखा से नीचे वाले हैं फिर हमें सुरक्षा क्यों नहीं।तादाद हमारी ज्यादा है या इनकी।ये हमें गदहा और खुद को घोड़ा क्यों समझते हैं।मैंने समझाया।बेबी बन्नो! इ लोग राजा बाबू के खास आदमी हैं।इनका बर्थडे करोड़ों का और टी पार्टी लाखों की होती है।याद करो कि जोधपुर में कैसा जश्न मना था।मात्र 220 करोड़ खर्च हुआ था।आतिशबाज़ी के नाम पर इजाज़त मिले तो मिसाइल, रॉकेट क्या, एटम बम भी फोड़ सकते हैं। लंदन से झूला और थाईलैंड से आर्किड का फूल आया था।हम लोग एक-दूसरे को गुलाब का गुच्छा क्या, खाली गमला भी देने की हैसियत रखते हैं क्या? खुदा कसम! इस बार वेलेंटाइन डे पर ख्याल आया था कि फूलगोभी ही ले लूं।एक पंथ दो काज हो जायेगा।लेकिन कमबख्त की मारी महँगाई तब से सांस फूला रही है।मेड इन इंडिया की चटाई पर रामदेव के सभी आसन आजमा लिये लेकिन सब बेकार।हम लोग आधा पेट खाते हैं और जीभर के मालिक को दुआ देते हैं।जिस दिन भरपेट खाते हैं वही दिन न पर्व या त्यौहार कहलाता है।इ मालिक लोग हर दिन जन्नती खाना खाते हैं और कुछ देर के लिए पाचनतंत्र को आराम देते हैं तो उसे अनशन या उपवास कहते हैं जो बड़ी खबर बनती है।उपवास जूस से नहीं बल्कि कौड़ी के भाव में सरकारी जमीन लेने पर टूटती है।रही बात हम लोग की तो सरकार समझती है कि टट्टी घर में अलीगढ़ का ताला क्यों?चल मन बहलाने के लिए रहीम का दोहा पढ़ते हैं;
चाह गयी, चिंता मिटी, मनवा बेपरवाह
जिनको कछु न चाहिए, वे शाहन के शाह।
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